सभी काम हुए ऑनलाइन, नहीं जाना होगा पटवारी के पास

यह खबर उनके लिए राहतभरी हो सकती है जो अपने काम के लिए पटवारियों के चक्कर लगा रहे हैं। अब उन्हें पटवारियों के जरिए होने वाले कार्य के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य ऑनलाइन हो चुके हैं। इसके लिए पटवारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।

हम आपको बता दें कि यह एक सरल प्रकिया है। वेबजीआईएस के नए सॉफ्टवेयर का उपयोग जनता भी कर सकेगी। इसमें कोई भी नागरिक यूजर आईडी बनाकर सुविधा का लाभ ले सकेगा। इसके अंतर्गत ऑनलाइन डायवर्शन के लिए आवेदन, खसरा नकल की प्रमाणित प्रतिलिपि निकाल सकेगा। खसरा नकल की प्रतिलिप के लिए शुल्क निर्धारित है। फिलहाल प्रचार-प्रसार के अभाव में इस बारे में जनता अनजान है। यही कारण है कि डायवर्शन और खसरा नकल के लिए लोग अब भी तहसील के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब उन्हें चक्कर काटने की जरूरत नहीं है।

 

ये कार्य होंगे ऑनलाइन

राजस्व संबंधित पट्टा, बंटवारा, खसरा नकल, नक्शा, नामांतरण, फसल चढ़ाने, डायवर्शन चढ़ाने का काम होगा। डायवर्शन अधिकारी रघुनाथ मचार ने बताया नक्क्षा, पट्टा बंटवारा, नामांतरण करने के दौरान पटवारी को तहसीलदार को रिक्वेट भेजना होगी। उसकी स्वीकृति के बाद ही पटवारी यह काम करने के लिए बाध्य रहेगा।

 

प्रशिक्षण भी हुआ

सोमवार को सर्किट हाउस में पटवारियों को प्रशिक्षण दिया गया। जमीन का डमी नक्शा बताकर उसके बंटवारे की प्रक्रिया बताई गई। अभी यह होता है कि पटवारी को मौके पर जाकर पूरी प्रक्रिया करना पड़ती है। इसको सरल करने के लिए सरकार ने ऑनलाइन किया है। इससे पटवारियों के साथ संबंधित हितग्राही का समय भी बचेगा।

 

प्रशिक्षण भी हुआ

सोमवार को सर्किट हाउस में पटवारियों को प्रशिक्षण दिया गया। जमीन का डमी नक्शा बताकर उसके बंटवारे की प्रक्रिया बताई गई। अभी यह होता है कि पटवारी को मौके पर जाकर पूरी प्रक्रिया करना पड़ती है। इसको सरल करने के लिए सरकार ने ऑनलाइन किया है। इससे पटवारियों के साथ संबंधित हितग्राही का समय भी बचेगा।

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